उत्तर प्रदेश में आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए शैक्षिक अवसरों और दशमोत्तर छात्रवृत्ति की उपलब्धता पर एक अध्ययन
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- Create Date 23 July 2025
- Last Updated 26 July 2025
उत्तर प्रदेश में आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए शैक्षिक अवसरों और दशमोत्तर छात्रवृत्ति की उपलब्धता पर एक अध्ययन
नीलम श्योरान¹ सरिता गोस्वामी²
¹ शोधार्थिनी, शिक्षा शास्त्र, आई.आई.एम.टी. विश्वविद्यालय, मेरठ
Email: 2022dr21213732@iimtindia.net
² प्रोफेसर, कॉलेज ऑफ एजुकेशन, आई.आई.एम.टी. विश्वविद्यालय, मेरठ
Email: dean_edu@iimtindia.net
सारांश:
यह अध्ययन उत्तर प्रदेश में आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए शैक्षिक अवसरों की पहुँच और दशमोत्तर छात्रवृत्ति की उपलब्धता की जाँच करता है। केंद्र और राज्य सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं के होते हुए भी पिछड़े वर्गों के कई छात्र सामाजिक-आर्थिक और प्रशासकीय बाधाओं के कारण इन कार्यक्रमों से अनजान हैं या इनका लाभ उठाने में असमर्थ हैं।
इस शोधपत्र का प्राथमिक उद्देश्य वर्तमान छात्रवृत्ति प्रावधानों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना, नीति कार्यान्वयन में अंतराल की पहचान करना और आरक्षित श्रेणी के छात्रों की शैक्षिक निरंतरता को प्रभावित करने वाले कारकों को समझना है।
इस शोध का निष्कर्ष बताता है कि दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना जैसी छात्रवृत्तियाँ महत्वपूर्ण वित्तीय राहत प्रदान करती हैं, लेकिन जागरूकता की कमी, डिजिटल जैसी चुनौतियाँ, निरक्षरता, दस्तावेजीकरण संबंधी समस्याएँ और निधि वितरण में देरी उनके पूर्ण प्रभाव में बाधा डालती रहती हैं। इसके अलावा, ग्रामीण और महिला छात्रों को अधिक स्पष्ट बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
इस अध्ययन से स्पष्ट होता है कि जनजागरूकता में वृद्धि, आवेदन प्रक्रियाओं को सरल बनाना और समय पर भुगतान सुनिश्चित करना और वंचित छात्रों की शिक्षा के विकास को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया जा सकता है। ये अंतर्दृष्टि उत्तर प्रदेश और इसके बाहर शिक्षा को अधिक न्यायसंगत और समावेशी बनाने में नीति निर्माताओं, शिक्षकों और हितधारकों का मार्गदर्शन कर सकती हैं।
मुख्य शब्द: आरक्षण, शिक्षा, दशमोत्तर छात्रवृत्ति, उत्तर प्रदेश, आरक्षित श्रेणी, सामाजिक न्याय
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